RBI: विदेशी वित्तीय संपत्तियों में रिकॉर्ड वृद्धि, आरक्षित परिसंपत्तियों और प्रत्यक्ष निवेश का अहम योगदान


 भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियों में 72% से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। इसमें अकेले आरक्षित परिसंपत्तियों की हिस्सेदारी 54% से अधिक रही, जो देश की आर्थिक स्थिरता और बाहरी वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विदेशी मुद्रा जमा और आरक्षित परिसंपत्तियों में वृद्धि के कारण हुई है।

वित्तीय वर्ष के दौरान भारत की कुल बाह्य वित्तीय परिसंपत्तियों में 105.4 अरब डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि विदेशी देनदारियों में 74.2 अरब डॉलर का इजाफा देखा गया। इसके बावजूद, भारत पर गैर-निवासियों के शुद्ध दावों में 31.2 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिति में मजबूती आई है।

मार्च 2025 तक भारत की अंतरराष्ट्रीय परिसंपत्तियों और देनदारियों का अनुपात 77.5% तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष 74.1% था। देनदारियों की वृद्धि में प्रत्यक्ष निवेश और ऋण का अहम योगदान रहा, जिसमें तिमाही के दौरान ऋण 10 अरब डॉलर और प्रत्यक्ष निवेश 9.7 अरब डॉलर बढ़ा। यह संकेत देता है कि भारत का वैश्विक वित्तीय प्रभाव लगातार मजबूत हो रहा है।

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