
हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बाराबंकी के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा, एनेस्थीसिया विभाग के सहयोग से लगभग 8 किलोग्राम वजनी एक विशाल यूटेराइन फाइब्रॉइड का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।
39 वर्षीय महिला मरीज, जो सरदारगंज, बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) की निवासी हैं, पिछले 4 वर्षों से विवाहित हैं और अभी तक संतान नहीं है। वह पिछले 3 वर्षों से निचले पेट में सूजन की शिकायत कर रही थीं, जो पिछले डेढ़ वर्ष में लगातार बढ़ रही थी। इसके साथ ही उन्हें पेट दर्द और पेशाब में कठिनाई की समस्या भी हो रही थी।

जांच के बाद, एमआरआई रिपोर्ट में एक विशाल यूटेराइन ट्यूमर की पुष्टि हुई। इसके पश्चात शल्य चिकित्सा की योजना बनाई गई, जिसका उद्देश्य ट्यूमर को हटाना और भविष्य में संतानोत्पत्ति की संभावना को बनाए रखने के लिए गर्भाशय को सुरक्षित रखना था।
ऑपरेशन के दौरान लगभग 36 x 24 सेंटीमीटर आकार का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया। मरीज को ऑपरेशन के दौरान और बाद में 6 यूनिट पीआरबीसी, 12 यूनिट एफएफपी और 2 यूनिट आरडीपी का ट्रांसफ्यूजन दिया गया, जो हिंद हॉस्पिटल के ब्लड बैंक द्वारा उपलब्ध कराया गया।

ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति पूरी तरह से स्थिर रही और उन्हें एक सप्ताह के भीतर स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मरीज बहुत प्रसन्न और संतुष्ट थीं।
यह मामला हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की उन्नत जांच, शल्य चिकित्सा और देखभाल क्षमताओं को दर्शाता है, जहां जटिल स्त्री रोग संबंधी समस्याओं का मानवीय संवेदना और कुशलता के साथ समाधान किया जाता है।