Virat Kohli Test Retirement : विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास

भारतीय क्रिकेट टीम को एक हफ्ते के अंदर दूसरा बड़ा झटका लगा है। (Virat Kohli Test Retirement) पहले रोहित शर्मा और अब विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कप्तान रोहित शर्मा के संन्यास के बाद कोहली भी यह कदम उठा सकते हैं। हालांकि, बीसीसीआई उन्हें मनाने की कोशिश कर रहा था और भारतीय क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी को इसके लिए जिम्मेदारी भी दी गई थी। इसके बावजूद कोहली अपने फैसले पर अड़े रहे। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर अपने टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया। यह ऐलान ऐसे समय हुआ है जब इंग्लैंड दौरे के लिए जल्द ही टेस्ट टीम का चयन होना था।

कोहली का टेस्ट करियर: आंकड़ों में शानदार सफर

विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में कुल 123 मैच खेले और 210 पारियों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए। उनके बल्ले से 1027 चौके और 30 छक्के भी निकले।

कोहली के इंस्टाग्राम पोस्ट में क्या खास था?

कोहली ने अपने भावनात्मक पोस्ट में लिखा: – “पहली बार मैंने टेस्ट क्रिकेट में बैगी ब्लू जर्सी 14 साल पहले पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे इस तरह के सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दिलाई और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा। जैसे-जैसे मैं इस प्रारूप से दूर होता जा रहा हूं, यह आसान नहीं है, लेकिन फिलहाल यह सही लग रहा है।”

कोहली ने पोस्ट के अंत में अपने टेस्ट जर्सी नंबर “269” के साथ “साइन ऑफ” लिखा।

अब विराट सिर्फ वनडे में खेलेंगे

कोहली पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। (Virat Kohli Test Retirement) अब वे सिर्फ वनडे फॉर्मेट में ही खेलते नजर आएंगे। उनके वनडे आंकड़े भी बेहद शानदार हैं:

  • 302 वनडे
  • 14181 रन, औसत 57.88
  • 51 शतक और 74 अर्धशतक

वहीं, टी20 में उन्होंने:

  • 125 मैच
  • 4188 रन, औसत 48.7, स्ट्राइक रेट 137.05
  • 1 शतक और 38 अर्धशतक

कोहली: तीनों फॉर्मेट में कप्तानी कर चुके हैं

कोहली ने 2014 में धोनी के रिटायरमेंट के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे से टेस्ट कप्तानी संभाली थी। वे 2022 तक टेस्ट कप्तान बने रहे। 2021 में उनसे वनडे और टी20 की कप्तानी छीन ली गई। उनका टेस्ट डेब्यू 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ हुआ था, जबकि आखिरी टेस्ट सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

विराट कोहली को 2014 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान भारत का नियमित टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया था, जब महेंद्र सिंह धोनी ने दौरे के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। इसके बाद कोहली ने 2022 तक भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली। उन्होंने 2022 की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद टेस्ट कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले 2021 में कोहली ने भारतीय टी20 और वनडे टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी और अपनी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी भी छोड़ दी थी। कोहली की कप्तानी में भारत ने सबसे लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन टीम रहने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर कई ऐतिहासिक जीत दर्ज की और नए कीर्तिमान स्थापित किए।

टेस्ट प्रदर्शन में गिरावट

विराट कोहली ने 2019 तक टेस्ट क्रिकेट में अपना दबदबा बनाए रखा और उस दौर में उनका कोई सानी नहीं था। 2011 से 2019 के बीच उन्होंने भारत के लिए 84 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 7202 रन बनाए। (Virat Kohli Test Retirement) इस दौरान उनके बल्ले से 27 शतक निकले और उनका औसत 54.97 रहा। उस समय वे ‘फैब-4’ बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी थे। हालांकि, 2020 के बाद से विराट के प्रदर्शन में गिरावट आई। जनवरी 2020 से अब तक उन्होंने भारत के लिए 39 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 2028 रन बनाए। इस दौरान उनका बल्लेबाजी औसत गिरकर सिर्फ 30.72 रह गया। इन 39 मैचों में वे सिर्फ 3 शतक ही लगा सके।

कोहली का टेस्ट में हालिया प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो महत्वपूर्ण सीरीज में उनका बल्ला खामोश रहा:

  • न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टेस्ट में सिर्फ 93 रन, औसत 15.50
  • ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 टेस्ट में 190 रन, जिसमें एक शतक भी शामिल है

कोहली लगातार ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर आउट हो रहे थे, जिससे उनकी तकनीकी कमजोरी उजागर हो गई।

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विराट कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास से भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत हो गया है। दोनों खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और अब उनके बिना टीम को नए नेतृत्व की जरूरत होगी।

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