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ट्विन टॉवर के आस पास की बालकनी अब ‘वीआईपी गैलरी’ में बदलने लगी है

दिल्ली से सटे नोएडा में ट्विन टावर का काउंट डाउन शुरू हो गया. गगनचुंबी डबल इमारतों को उड़ाने में अब सिर्फ 48 घंटे बचे हैं. सारी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : नोएडा  के आखिर कार ट्विन टॉवर को कल यानी 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे विस्फोट कर दिया जाएगा. इसे ध्वस्त होते देखने के लिए लोगों में एक अलग ही तरह का क्रेज चल रहा है. सुपरटेक ट्विन टॉवर के चारों ओर गगनचुंबी बिल्डिंग की बालकनी अब ‘वीआईपी गैलरी’ में बदलने लगी है. और इन ‘वीआईपी गैलरी’ की डिमांड बढ़ने लगी है. इन बिल्डिंग में रह रहे लोगों के रिश्तेदारों ने गैलरी को बुक भी कराना शुरु कर दिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एटीएस वन हैमलेट (सेक्टर 104), पार्श्वनाथ प्रेस्टीज (सेक्टर 93ए) और अन्य सोसायटियों में रह रहे कई लोगों के रविवार की दोपहर जिनके पास ट्विन टॉवर को ध्वस्त होते हुए देखने के लिए एक सुविधाजनक गैलरी है, और उसे उनके रिश्तेदारों और मेहमानों द्वारा “बुक” किए गए हैं और जो इस पल को देखना चाहते हैं. कुछ घरों में तो पूरे परिवार दोपहर 2.30 बजे “जीवन में एक बार” होने वाले इस घटना को देखने के लिए सब इकट्ठा हो रहे हैं.

चौंकने वाली बात यह है कि दोपहर 2.30 बजे ट्विन टॉवर को ध्वस्त होने वाले शो के लिए बाकायदा पैसे भी लग रहे हैं. लोग दूरबीन का भी इंतजाम करने में लगे हैं. इसके साथ ही वीडियो कॉल की भी भारी डिमांड हो रही है. कुछ लोगों का कहना है कि रिश्तेदार और दोस्त सभी उनके यहां आकर इस पल का गवाह बनना चाहते हैं. हालांकि ट्विन टॉवर के आस-पास के इलाकों का ट्रैफिक रिस्ट्रिक्शंस उनकी योजनाओं पर पानी फेर सकता है.

एटीएस हैमलेट के रहने वाले आलोक सहदेव का एक 7 साल का पोता है वह रविवार को दोपहर 2.30 बजे टॉवर को ध्वस्त होते देखने के लिए अपने माता-पिता और दूरबीन के साथ गुड़गांव से आ रहा है. सहदेव ने कहा कि वह अपने परिवार को उस समय वीडियो कॉल करेंगे वो लोग अमेरिका में रहते हैं.

पार्श्वनाथ प्रेस्टीज के निवासी अंशु सारदा ने दावा किया कि उनसे ज्यादा उत्साहित कोई और नहीं हो सकता वह अपने छह करीबी दोस्तों को शामिल करते हुए एक पार्टी का आयोजन कर रहे हैं. जिसमे अपने टॉवर की छत से इस विध्वंस को देखेंगे. उन्होंने कहा कि मैं बस कल का इंतजार कर रहा हूं. और अगर चीजें ठीक रहीं तो मैं उन निवासियों की जीत का भी जश्न मनाऊंगा, जिन्होंने इस दिन के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी

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