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मुसीबत में फंसी पंजाब सरकार कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट

 विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और दो कैबिनेट मंत्रियों गुरमीत सिंह मीत हेयर व लालजीत सिंह भुल्लर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ है. 

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : पंजाब के तरनतारन की अदालत ने राज्य के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और दो कैबिनेट मंत्रियों गुरमीत सिंह मीत हेयर और लालजीत सिंह भुल्लर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है. आप के कुछ विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बागीचा सिंह की अदालत ने उनकी अनुपस्थिति पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.

आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अगस्त 2020 में अमृतसर और तरनतारन के सीमावर्ती जिलों में जहरीली शराब से हुई मौतों के विरोध में धरना देने के लिए उनके खिलाफ दर्ज एक मामले के संबंध में अदालत के सामने पेश होने में विफल रहे थे. इन नेताओं को पिछले दो साल में कई बार अदालत में तलब किया गया लेकिन वे अदालत में पेश नहीं हुए. इन नेताओं ने 20 अगस्त 2020 को स्थानीय जिला प्रशासनिक परिसर के सामने धरना दिया था, आपको बला दे कि जहरीली शराब पीने से पंजाब के तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और बटाला जिलों में करीब 111 लोगों की मौत हो गई थी.

जहरीली शराब से हुई मौतों पर प्रदर्शन से जुड़ा मामला

आम आदमी पार्टी ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया था. आप ने जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग भी की थी. उस दौरान तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पर आप ने गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि नकली शराब के कारोबार में उनके कई मंत्री और विधायक भी शामिल रहे थे.

‘आप’ ने जहरीली शराब कांड में शामिल विधायकों व मंत्रियों से सीएम इस्तीफे को लेकर पूरे राज्य में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया था. और इस दौरान कई अन्य नेताओं के साथ सदर पुलिस द्वारा धारा 188, सीआरपीसी और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था.

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