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Mukhtar Ansari News: कैसे बना मुख्तार अंसारी गुनाहों का बादशाह ? 

मुख्तार अंसारी का ताजा खबर

Mukhtar Ansari News in Hindi: मुख्तार अंसारी, एक ऐसा नाम जिसकी चर्चा आज हर किसी की जवान पर है , तो चलिए आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताते है देश के बाहुबली नेता और एक कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बारे में |

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari News) का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति और माफिया जगत दोनों में काफी चर्चित रहा है | उनके जीवन के दो पहलू हैं – एक तरफ तो वह पूर्वांचल क्षेत्र से विधायक के रूप में चुनाव और राजनीति करते थे, वहीं दूसरी तरफ उन पर कई संगीन अपराधों के आरोप भी लगे थे |

मुख्तार अंसारी की जीवनी (Mukhtar Ansari Biography in Hindi):

मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था | उनके दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी एक स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे |

कुख्यात अपराधियों की संगत से माफिया बने मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया में ऐसा मजबूत कदम रखा कि पूर्वांचल ही नहीं गैर प्रांतों में भी उसके गुर्गे संगठित अपराध को अंजाम देने में खौफ नहीं खाते थे। पुलिस रिकार्ड्स के मुताबिक विरोधियों को दिनदहाड़े गैंगवार में मौत के घाट उतरवाने वाले मुख्तार अंसारी ने अपनी एक और छवि गढ़ने के लिए राजनीति में कदम रखा था।

मुख्तार अंसारी ने पहली बार 1996 में बसपा के टिकट पर मऊ विधानसभा सीट से चुनाव जीता और इसके बाद वह लगातार 5 बार इसी सीट से विधायक बना | 2009 में उसने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन इसके परिणाम उसके पक्ष में नही आये |

इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर हत्या, रंगदारी, जेल से फरार होने जैसे कई संगीन मामलों में आरोप लगे | हालांकि, कई मामलों में उसे बरी भी कर दिया गया |

मुख्तार अंसारी की कहानी (Mukhtar Ansari Story in Hindi):

अक्तूबर 2005 में मऊ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान  भड़के दंगे के चलते मुख्तार को जेल जाना पड़ा। इसके बाद 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई और फिर बदलती सरकारों के साथ जेलें भी बदलती रहीं, लेकिन मुख्तार अंसारी बाहर नहीं आ सका।

हालाकि मुख्तार अंसारी की जेल में भी चलती थी। वह अपने गैंग का संचालन वहीं से करता था। पुलिस ने मुख्तार अंसारी के गैंग को 1997 में आईएस-191 के रूप में पंजीकृत किया था। मगर, 2004 का लोकसभा चुनाव नजदीक आया तो मुख्तार गिरोह ने अपने अपराधो को और अधिक बढ़ा दिया |

मुख्तार अंसारी की मौत कैसे हुयी ?

करीब ढाई साल से बाँदा जेल में बंद पूरब के माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत (Mukhtar Ansari Death) से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहाँ नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की। तब तक मुख्तार के परिवार का कोई सदस्य मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा था।

तीन दिनों से बीमार चल रहे जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की तबीयत बृहस्पतिवार रात अचानक बिगड़ गई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मंडलीय कारागार पहुँचे। करीब 40 मिनट तक अधिकारी जेल के भीतर रहे। इसके पश्चात् 28 मार्च 2024 (mukhtar ansari death date) को मृत घोषित कर दिया गया |

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