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COVID19 : भारत में कोविड की नई लहर की आशंका? जानें मौजूदा हालात

भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति

फिलहाल भारत में कोविड-19 की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। (COVID19) हालांकि मुंबई के केईएम अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित दो लोगों की मौत की खबरें आई हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों की मौत पहले से मौजूद बीमारियों के कारण हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में फिलहाल केवल 257 सक्रिय मामले हैं और सभी मामले हल्के लक्षण वाले हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

दुनिया भर में बढ़ते मामले और भारत पर असर

पिछले कुछ हफ्तों में सिंगापुर और हांगकांग समेत कई देशों में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इन देशों में न केवल संक्रमण के मामले बढ़े हैं, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। भारत में भी हाल ही में संक्रमण के मामले धीमी गति से सामने आने लगे हैं। 20 मई को बिग बॉस फेम शिल्पा शिरोडकर कोविड पॉजिटिव पाई गई थीं, जिसके बाद देश में नए सिरे से सतर्कता बढ़ाई जा रही है।

किन राज्यों में सबसे ज़्यादा मामले हैं?

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुछ राज्यों में (COVID19) अपेक्षाकृत ज़्यादा मामले सामने आए हैं:

कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम जैसे अन्य राज्यों में भी संक्रमण के मामले सामने आए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण में है

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

देश के वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि कोविड अभी भी बुजुर्गों और कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए ख़तरे से खाली नहीं है। वे सुझाव देते हैं:

उन्होंने यह भी बताया कि भारत के पास ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ़ GEMCOVAC-19 नामक वैक्सीन उपलब्ध है, जिसे पुणे स्थित जेनोवा बायोफ़ार्मास्यूटिकल्स ने विकसित किया है।

कौन सा वेरिएंट चिंता का सबब बन गया है?

फिलहाल सिंगापुर और हांगकांग में LP.8.1 वेरिएंट की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। (COVID19) यह ओमिक्रॉन का ही एक रूप है। इसके अलावा LF.7 और NB.1.8 (दोनों ही JN.1 के म्यूटेशन) भी तेजी से फैल रहे हैं। जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक JN.1 वेरिएंट में कुछ ऐसे म्यूटेशन हैं जो इसे वैक्सीन से बनने वाली इम्युनिटी को चकमा देने में सक्षम बनाते हैं। हालांकि, इसकी गंभीरता कम है।

संक्रमित लोगों में दिखने वाले सामान्य लक्षण

ओमिक्रॉन और इसके उप-वेरिएंट से संक्रमित रोगियों में ये लक्षण होने की संभावना है:

सह-रुग्णता वाले लोग या 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग संक्रमण से अधिक प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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घबराने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है ,फिलहाल भारत में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि घबराने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और चिकित्सा संस्थान लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अगर हम कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाते हैं, तो किसी भी नई लहर को रोका जा सकता है।

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