Axiom Mission 4 : तकनीकी कारणों से टली भारत के ऐतिहासिक मिशन की लॉन्चिंग

लॉन्च एक बार फिर टला

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को (Axiom Mission 4) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ले जाने वाले Axiom मिशन-4 का लॉन्च एक बार फिर टल गया है। NASA, SpaceX और Axiom स्पेस ने 19 जून को लॉन्च से ठीक एक दिन पहले यह फैसला लिया। अब यह मिशन 22 जून 2025 से पहले लॉन्च नहीं हो पाएगा।

लॉन्च में देरी के पीछे की वजहें

लॉन्च टालने की मुख्य वजह ISS के रूसी सेगमेंट Zvezda मॉड्यूल में हाल ही में हुआ मरम्मत कार्य बताया जा रहा है। इससे NASA को स्टेशन की कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने का समय मिल जाएगा। इससे पहले भी यह मिशन 29 मई, 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला जा चुका है।

क्या कहता है इसरो?

इसरो ने बताया कि भारत, पोलैंड और हंगरी की टीमों ने Axiom स्पेस के साथ मिलकर संभावित लॉन्च (Axiom Mission 4) टाइमलाइन पर चर्चा की। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट, ड्रैगन अंतरिक्ष यान, मौसम की स्थिति, आईएसएस की मरम्मत और चालक दल के स्वास्थ्य की तैयारी को ध्यान में रखते हुए नई संभावित तिथि 22 जून निर्धारित की गई है।

क्या है एक्सिओम मिशन-4?

यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि ये देश पहली बार संयुक्त मानव अंतरिक्ष मिशन में भाग ले रहे हैं। इस मिशन को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन कैप्सूल के ज़रिए लॉन्च किया जाएगा।

पैगी व्हिटसन मिशन की कमांडर होंगी

पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगी। अन्य सदस्यों में शामिल हैं:

  • शुभांशु शुक्ला (भारत)
  • स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड)
  • टिबोर कापू (हंगरी)

शुभांशु शुक्ला: ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय

शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बनेंगे।(Axiom Mission 4) इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ही अंतरिक्ष की यात्रा कर पाए थे। शुभांशु इस मिशन में कई वैज्ञानिक प्रयोग और निजी उद्देश्यों को भी अंजाम देंगे। वे फोटो और वीडियो के जरिए अपने अनुभव साझा करेंगे।

शुभांशु शुक्ला कौन हैं?

  • जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ
  • शिक्षा: सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ
  • परिवार: पिता शंभू दयाल शुक्ला, माता गृहिणी, दो बहनें
  • पत्नी: डॉ. कामना (डेंटिस्ट), बेटा: कियास
  • वायु सेना में सेवा: 2006 से, वर्तमान रैंक: ग्रुप कैप्टन
  • उड़ान का अनुभव: 2000 घंटे से अधिक, फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट

एनडीए में कैसे पहुंचे शुभांशु?

शुभांशु ने एसएसबी और एनडीए दोनों के लिए फॉर्म भरा था। संयोग से उनका चयन दोनों में ही हो गया, (Axiom Mission 4) लेकिन उन्होंने एनडीए को चुना। परिवार चाहता था कि वे डॉक्टर या सिविल सेवक बनें, लेकिन उन्होंने सेना को चुना। गगनयान के लिए भी चुने गए जब भारत ने 2019 में गगनयान मिशन की घोषणा की, तो शुभांशु को उनके सैन्य रिकॉर्ड और उड़ान के अनुभव के कारण चुना गया। उन्होंने मॉस्को के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठोर प्रशिक्षण लिया।

मिशन के अन्य सदस्यों से सहयोग

एक्सिओम-4 मिशन में शुभांशु को आईएसएस के वास्तविक वातावरण का अनुभव करने को मिलेगा, जो गगनयान मिशन के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इस अनुभव के आधार पर वे अन्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का मार्गदर्शन भी कर सकेंगे।

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घर में जश्न का माहौल

लखनऊ में शुभांशु के घर को उनकी यात्रा से संबंधित पोस्टर और बधाई संदेशों से सजाया गया है। इस उपलब्धि को न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात माना जा रहा है। यह मिशन महज एक अंतरिक्ष उड़ान नहीं बल्कि भारत की नई अंतरिक्ष यात्रा का प्रतीक है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखेगा।

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