AMCA : भारत में बनेगा 5वीं पीढ़ी का स्वदेशी लड़ाकू विमान

रक्षा मंत्री ने एएमसीए कार्यक्रम को मंजूरी दी

क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम के कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी दे दी है। (AMCA) इस फैसले को भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कार्यक्रम को एडीए लागू करेगा एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) उद्योग साझेदारी के साथ इस परियोजना को आगे बढ़ाएगी। इस कदम से भारत की तकनीकी विशेषज्ञता, संसाधनों और क्षमताओं का बेहतर उपयोग करके एएमसीए प्रोटोटाइप विकसित किया जाएगा। स्वदेशी एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा इस परियोजना के तहत भारत में मध्यम वजन का पांचवीं पीढ़ी का डीप अटैक फाइटर एयरक्राफ्ट विकसित किया जाएगा। इसमें उन्नत रडार अवॉइडेंस तकनीक (स्टील्थ तकनीक) होगी, जो भारत की वायु शक्ति को और मजबूत करेगी।

15,000 करोड़ रुपये की विकास लागत

एएमसीए परियोजना की शुरुआती विकास लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये तय की गई है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। भारतीय वायुसेना ने इसे अपनी दीर्घकालिक रणनीति का अहम हिस्सा माना है।

हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ की सफलता से आत्मविश्वास बढ़ा

एलसीए तेजस की सफलता से भारत का आत्मविश्वास बढ़ा है और (AMCA) अब देश एएमसीए जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों के विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

पाकिस्तान को चीन से J-35 फाइटर जेट मिलेंगे

गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान ने चीन के साथ 5वीं पीढ़ी के J-35 स्टील्थ फाइटर जेट के लिए डील की है। चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को जल्द डिलीवरी का भरोसा दिया है, जिसके तहत 40 फाइटर जेट मिलने हैं।

भारत का MCA कैसा होगा?

MCA एक मध्यम वजन वाला मल्टी-रोल, ट्विन-इंजन फाइटर जेट होगा, (AMCA) जिसे ADA ने डिजाइन किया है। इसका वजन करीब 25 टन होगा। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इस प्रोजेक्ट के लिए ₹15,000 करोड़ की राशि मंजूर की है।

घरेलू कंपनियों को मिलेगा भागीदारी का मौका

एएमसीए परियोजना के विकास चरण को शुरू करने के लिए जल्द ही रुचि पत्र (ईओआई) जारी किया जाएगा। देश की कंपनियां इसमें अकेले या साझेदारी में भाग ले सकेंगी, बशर्ते वे भारत के कानून और नियमों का पालन करें। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियां भाग ले सकेंगी।

मेक इन इंडिया के तहत भारत में Su-57 बनाने की पेशकश

रूस ने मेक इन इंडिया के तहत Su-57 बनाने की पेशकश की है। जबकि अमेरिका ने सीधे तौर पर F-35 की पेशकश तो नहीं की, लेकिन एयरो इंडिया में हिस्सा लेकर संकेत जरूर दिए।

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विदेशी निर्भरता घटेगी, निर्यात के अवसर बढ़ेंगे

इस परियोजना से भारत को विदेशी लड़ाकू विमानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही, इससे भारत को भविष्य में लड़ाकू विमानों के निर्यातक के रूप में उभरने का अवसर भी मिलेगा।रोजगार और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा एएमसीए परियोजना के जरिए देश में इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र में हजारों नए रोजगार सृजित होंगे। साथ ही, घरेलू कंपनियों को अत्याधुनिक तकनीकों पर काम करने का अवसर भी मिलेगा, जिससे भारत का एयरोस्पेस उद्योग और समृद्ध होगा।

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