


न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर : दुनियाभर में आज विश्व बचत दिवस मनाया जा रहा है। यह हर साल 30 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 1924 में 30 अक्टूबर को मनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सेविंग्स यानी बचत के प्रति जागरुक करना है। आजकल लोगों के खर्च में बढ़ोत्तरी हुई है। लोग न चाहकर भी आधुनिकता के चलते अत्यधिक खर्च करते हैं। इससे आर्थिक स्थिति में असंतुलन पैदा होता है। इसके लिए अनावश्यक पैसों का खर्च बिल्कुल न करें। आज की बचत से कल का भविष्य स्वर्णिम होता है। इसी मद्देनजर लोगों में जागरूकता फैलाने हेतु मनाया जाता है। आइए, विश्व बचत दिवस के बारे में सबकुछ जानते हैं।
विश्व बचत दिवस को अंग्रेजी में वर्ल्ड सेविंग डे कहा जाता है। इसकी शुरुआत 30 अक्टूबर, सन 1924 में इटली के मिलान शहर में हुई। जब अंतरराष्ट्रीय बचत बैंक ने इटली के मिलान शहर में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में विश्व बचत दिवस मनाने की पहल की। इस अधिवेशन के अंतिम दिन को विश्व बचत दिवस के रूप में घोषित किया गया था। उस समय से यह हर मनाया जाने लगा। कुछ वर्षों के बाद विश्व के कई अन्य देशों ने भी विश्व बचत दिवस को अपनाया। जानकारों की मानें तो साल 1921 में ही पहली बार विश्व बचत दिवस मनाया गया था। इस दिन लोगों ने उत्सव के रूप में विश्व बचत दिवस को मनाया था। इसके बाद साल 1928 में गिनी वैलोरी ने विश्व बचत दिवस पर एक गाना भी तैयार किया था। इस गाने के जरिए लोगों को बचत करने के प्रति जागरूक किया जाता था।
वर्तमान परिवेश में बचत जरूरी है। आज सबकुछ अर्थ यानी मुद्रा से संभव है। आसान शब्दों में कहें तो जीने के लिए मुद्रा आधार है। इससे आप विषम परिस्थिति में भी सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं। वहीं, अगर आपके पास पैस नहीं रहते हैं, तो विषम परिस्थिति में आपको कर्ज लेने पड़ सकते हैं। इसके लिए आज से बचत करने का संकल्प लें। सोच समझकर पैसे खर्च करें। अनावश्यक खर्च बिल्कुल न करें।
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