न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर रोक के बाद जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालने के लिए कानपुर में हजारों की भीड़ सड़क पर उतर आई। मंगलवार को यतीमखाना चौराहा पर ये नजारा देख पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। वहीं, पुलिस ने पूरे इलाके को चारों तरफ से घेर लिया गया है। सभी थानों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारी पुलिस फोर्स की तैनाती शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है इसके बाद लोगों ने जुलूस निकाल दिया।



पुलिस तंत्र फिर हुआ फेल
पूरे मामले में पुलिस की फिर लापरवाही सामने आई है। जुलूस निकालने को लेकर एक दिन पहले ही हयात जफर हासमी ने ऐलान किया था। इसके बावजूद पुलिस और एलआईयू ने कोई ध्यान नहीं दिया। हयात जफर का कहना है कि जब मुख्यमंत्री की सभा में हजारों की भीड़ हो सकती है तो जुलूस क्यों नहीं निकाला जा सकता है।
युवकों ने शुरू की नारेबाजी
यतीमखाना से भीड़ बढ़ते हुए परेड चौराहा पर आ गई है। वहीं, युवकों की एक टोली ने चौराहे पर नारेबाजी शुरू कर दी है। एडीएम सिटी अतुल कुमार मौके पर हैं।
जुलूस न निकालने का फैसला लिया था
ईद मिलादुन्नबी के दिन परेड ग्राउंड से फूलबाग तक जुलूस-ए मोहम्मदी निकाला जाता था। कोविड-19 की गाइड लाइन का हवाला देते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने धर्म गुरुओं के साथ बैठक करके जुलूस न निकालने का फैसला किया था।
मंगलवार को इसे लेकर पुलिस ने तैयारियां कर ली थीं। जुलूस उठने के स्थान परेड ग्राउंड के सभी गेटों में पुलिस ने ताला डलवाने के साथ पुलिस बल तैनात किया गया था। मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे अचानक से हजारों की भीड़ सद्भावना चौकी पहुंच गई और जुलूस निकालने को लेकर अड़ गई।
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तैनात की गई आरआरएफ व पीएसी
रोक के बाद भी दोपहर यतीमखाना के पास हजारों लोग इकट्ठा हो गए। इतना ही नहीं नारेबाजी करते हुए हलीम कॉलेज से जुलूस भी निकाला। इस दौरान पीएसी, आरआरएफ और कई थानों का फोर्स तैनात कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ जुलूस निकालने की एक दिन पहले घोषणा करने वाले मुस्लिम नेता हयात जफर हासमी दादामिया चौराहे पर ज्ञापन देकर लौट गए।