न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री मोदी की रैली में दो हजार रोडवेज बसें लगाई गई हैं। बस स्टैंड पर यात्री बसों के लिए भटक रहे हैं। वाराणसी में तो बस स्टैंड पर बाकायदा पर्ची लगा दी गई है कि पीएम की सभा में बसें लगी होने से समय सारिणी तय नहीं है। उधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर कटाक्ष किया है कि लॉकडाउन में जब श्रमिक घर लौट रहे थे तो बसें नहीं थी। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की सभा में भीड़ जुटाने के लिए अब करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।



11 क्षेत्रीय कार्यालयों को 2 हजार बसों का टारगेट परिवहन विभाग के रोडवेज अधिकारियों को सौंपा गया। इसके लिए बाकायदा विभाग ने लखनऊ कार्यालय से एक सर्कुलर जारी किया। इसमें हर क्षेत्रीय कार्यालय को बसों की संख्या बताई गई है। तीन दिन पहले से इन बसों का अधिग्रहण कर लिया गया है। सबसे अधिक 800 बसें गोरखुपर और अम्बेडकरनगर से लगाई गई हैं।
बसों के अधिग्रहण के दिए गए निर्देश
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग मुख्यालय से 9 नवंबर को सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को बसों के अधिग्रहण के लिए निर्देश दिए गए। 14 नवंबर की दोपहर से बसों का अधिग्रहण कर लिया गया है और उनको 15 की सुबह जिलाधिकारी सुलतानपुर के निर्देशानुसार लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। भेजे पत्र में स्पष्ट किया गया है कि प्रधानमंत्री कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम में जन सामान्य और श्रोताओं को आयोजन स्थल तक लाने और ले जाने के लिए प्रदेश भर में 2000 बसों की जरूरत है।
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11 क्षेत्रीय कार्यालयों से बसों की संख्या
- अयोध्या 125
- देवीपाटन 125
- गोरखपुर 400
- वाराणसी 200
- लखनऊ 250
- प्रयागराज 175
- आजमगढ़ 150
- हरदोई 175
- कानपुर 225
- चित्रकूट 100
- बरेली 75
रोडवेज के पास हैं लगभग 7 हजार बसें
परिवहन विभाग के पास 115 डिपो में लगभग सात हजार बसें है। जिसमे से चलने लायक बसें बमुश्किल लगभग 6 हजार के करीब ही है। 2400 बसें अनुबंधित है। कुल मिलाकर 9 हजार 400 बसे यूपी के लोगों को सेवाएं दे रही है। यह सभी बसें लगभग 15 लाख यात्रियों को हर दिन लाने ले जाने का कार्य करती है। अब ऐसे में अचानक 2000 बसें 14 नवंबर की शाम से 11 क्षेत्रीय कार्यालयों से अधिग्रहित करके सुल्तानपुर भेज दी गई है। पिछले 2 दिनों से प्रदेश के 12 क्षेत्रीय रोडवेज कार्यालयों में सवारियां बसों के इंतजार में है।