पुंछ आतंकी हमले में शहीद जवानों की कहानी,कोई छोड़ गया 4 महीने का बेटा, किसी की दो साल पहले हुई शादी…

 जम्मू कश्मीर के पुंछ में शुक्रवार को आतंकियों ने छिपकर सेना के ट्रक पर हमला (Poonch Tettor Attack) कर दिया. इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए. आतंकियों ने घात लगाकर जवानों पर ऐसे हमला किया कि जब तक वह कुछ समझ पाते अंधाधुंध फायरिंग होने लगी. इस हमले में शहीद होने वाले जवानों में से 4 पंजाब के हैं जबकि एक ओडिशा का रहने वाला है. इनके नाम हवलदार मनदीप सिंह, देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सेवक सिंह है

News Jungal Desk : जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादी हमले में चार जवानों की शहादत ने कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा. शहीदों के गांवों में गमगीन माहौल है और उनके परिजनों की चीख-पुकार से आसमां गूंज उठा है । चारों जवानों की दास्तां दिल को दू लेने वाली है । कोई अपने पीछे छोटे-छोटे मासूम छोड़ गया है । तो कोई घर की रोजी रोटी का अकेला ही सहारा था । चारों शहीदों के गांवों में श्रद्धांजलि देने के लिए जन सैलाब उमड़ रहा है।

मोगा जिले के चरिक गांव के शहीद लांस नायक कुलवंत सिंह के घर पर भी बीते दिन से सांत्वना देने के लिए कतारें लगी रहीं है । शहीद वीर की व्याकुल मां हरजिंदर कौर कुछ न बोल सकीं है । उन्होंने करीब 24 साल पहले कारगिल युद्ध में अपने पति बलदेव सिंह को खो दिया था । और कुलवंत को अनुकंपा के आधार पर सेना में नौकरी मिली थी । उसकी पत्नी हरदीप कौर गमगीन थीं । और उन्होंने बोला कि कुलवंत ने अपनी मृत्यु से एक दिन पहले उसे फोन किया था और बोला कि वह अपने बेटे का समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करे. कुलवंत के परिवार में उनकी मां, पत्नी, डेढ़ साल की बेटी और चार महीने का बेटा है. कुलवंत पिछले महीने अपने परिवार से मिलने गया था और एक अप्रैल को ड्यूटी पर लौटा था । और वह एक महीने की छुट्टी पर आया था ।

अकेले कमाने वाले थे सिपाही हरकिशन सिंह
फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर बटाला से लगभग 10 किमी दूर तलवंडी भरत गांव के रहने वाले शहीद हुए सिपाही हरकिशन सिंह (26) अपने परिवार के अकेले कमाने वाले थे। और उनका परिवार चार पीढ़ियों से सेना में सेवाएं दे रहा है. वह चौथी पीढ़ी के सैनिक थे । उनके परिवार में पत्नी दलजीत कौर और दो साल की बेटी है । और उनके पिता मंगल सिंह का कहना है उन्हें अब बेटे के परिवार की चिंता है । लेकिन मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने अपनी मातृभूमि के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. हरकिशन सिंह राष्ट्रीय राइफल्स की 49 वीं बटालियन से जुड़े हुए थे । और उसके पिता मंगल सिंह ने बोला कि हरकृष्ण सिंह परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था.उनकी मां प्यार कौर बोलने की स्थिति में नहीं थी ।

हवलदार मनदीप सिंह छुट्टी के बाद लौटे थे यूनिट में
लुधियाना जिले के चिनकोइयां गांव के निवासी उस समय गमगीन हो गए जब उन्हें पता चला कि उनके गांव के हवलदार मनदीप सिंह (39) आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे । वह पांच राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में से एक थे. हवलदार मनदीप सिंह के परिवार में पत्नी जगदीप कौर, एक विधवा मां, 11 साल की बेटी और आठ साल का बेटा है । और पूर्व सरपंच स्वर्गीय रूप सिंह के सबसे बड़े बेटे मनदीप सिंह हाल ही में एक महीने की छुट्टी के बाद अपनी यूनिट में लौटे थे । और उनके एक रिश्तेदार सतवीर सिंह ने बोला कि शहीद परिवार का एकमात्र कमाने वाला था ।

शहीद सेवक सिंह ने हमले से पहले की थी परिवार से बात
बठिंडा जिले के तलवंडी साबो अनुमंडल के बाघा गांव के सिपाही सेवक सिंह की शहादत की खबर मिलते ही मातम पसर गया था । दोस्त और रिश्तेदार उनके घर पहुंचे और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी । और शहीद सेवक सिंह (23) दो बहनों के इकलौते भाई थे. करीब एक माह पूर्व ही उसने छुट्टी के बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी । और भाई-बहनों में सबसे बड़े सेवक सिंह 2018 में सेना में भर्ती हुए थे । और उनकी एक बहन की शादी हो चुकी है । उनके माता-पिता दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करते हैं.आतंकी हमले से पहले वीरवार दोपहर करीब ढाई बजे सेवक सिंह ने परिजनों से फोन पर बात करी थी । उन्होंने बताया था कि वह और उसके सहयोगी अन्य जवानों के लिए खाना लेकर जा रहे हैं. उनके पिता गुरचरण सिंह ने कहा कि घटना के करीब आधा घंटे पहले सेवक सिंह ने फोन पर परिजनों से बात की थी । उसने अपनी छोटी बहन की शादी के बारे में भी परिवार से बात की थी। और परिवार वाले चाहते थे कि सेवक सिंह की शादी हो जाए, लेकिन सेवक का कहना था कि छोटी बहन की शादी तय होने के बाद ही वह करेगा ।

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