


न्यूज जगंल डेस्क, कानपुर : दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर 35 साल के एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. युवक का शव आंदोलनकारियों के मुख्य मंच के पास शुक्रवार सुबह लटका मिला. हत्या का आरोप निहंगों पर लग रहा है. युवक के शरीर पर धारदार हथियार से हमले के निशान हैं. आरोपियों ने युवक का हाथ काटकर शव को बैरिकेड से लटका दिया. युवक की हत्या के बाद आंदोलनकारी गुस्से में हैं.
घटनास्थल पर भीड़ जुट गई है. आक्रोशित भीड़ पुलिस को भी घटनास्थल के पास नहीं जाने दे रही है. आंदोलनकारी जमकर हंगामा कर रहे हैं. इस पूरे मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘बलात्कार, हत्या, वैश्यावृत्ति, हिंसा और अराजकता… किसान आंदोलन के नाम पर यह सब हुआ है. अब हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर युवक की बर्बर हत्या. आखिर हो क्या रहा है? किसान आंदोलन के नाम पर यह अराजकता करने वाले ये लोग कौन हैं जो किसानों को बदनाम कर रहे हैं?’
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, ‘अगर राकेश टिकैत ने लखीमपुर में मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता, कुंडली सीमा पर एक युवक की हत्या नहीं हुई होती. किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे जो अराजकतावादी हैं, उन्हें बेनकाब करने की जरूरत है.’
पुलिस अधिकारी ने क्या कहा
वहीं, मामले की जानकारी देते हुए सोनीपत के डीएसपी हंसराज ने कहा कि आज तड़के करीब 5 बजे जिस स्थान पर किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है (कुंडली, सोनीपत) उस स्थान पर एक शव हाथ, पैर कटा हुआ पाया गया. कौन जिम्मेदार है इसकी जानकारी नहीं है. अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. वायरल वीडियो की भी जांच का विषय है.
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इस बीच, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 40 किसान संगठनों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पूरी घटना से खुद को दूर कर लिया है. किसान संगठन ने कहा कि वह आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हरियाणा सरकार के साथ सहयोग करने को तैयार है. एसकेएम ने घटना के लिए निहंगों को जिम्मेदार ठहराया है.