न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर पिछली दो पीढ़ियों से चौधरी हरमोहन सिंह यादव का परिवार मुलायम सिंह यादव के कंधे से कंधा मिलाकर सियासी चालें चलता रहा है. लेकिन जानकारोंकी माने तो जब से अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की कमान संभाली है तब से यह परिवार सपा में अपनी लगातार की जा रही उपेक्षा से दुखी है. पिछले काफी दिनों से यह चर्चा आम हो चली थी कि चौधरी साहब के परिवार के कुछ लोग समाजवादी पार्टी से बागी होकर अपने राजनीतिक भविष्य को किसी दूसरे राजनीतिक दल में तलाश सकते हैं और आज चौधरी साहब के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह के कार्यक्रम के मंच को भगवा मय करते हुए यह संदेश देने की परिवार के द्वारा कोशिश है कि अगर अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी में इस परिवार की जरूरत नहीं है तो यह परिवार अब अपना रास्ता बदलने को बिल्कुल तैयार है.



सैफई से लखनऊ का रास्ते में मेहरबान का पुरवा था अहम पड़ाव
कानपुर का मेहरबान सिंह का पुरवा समाजवादी आंदोलन के प्रणेता रहे चौधरी हरमोहन सिंह का गांव है. प्रदेश में साइकिल को सैफई से लखनऊ तक पहुंचने के लिए एक पहिया कानपुर के मेहरबान सिंह के पुरवा से लगता था . वहीं, सरकार बनने के बाद कई मंत्रालयों तक का निर्धारण की पृष्ठिभूमि भी यहीं लिखी जाती है. मुलायम सरकार में उन्हें सूबे का मिनी मुख्यमंत्री भी कहा जाता था. लेकिन, चौधरी साहब की 100वीं जयंती पर सपा यह किला भगवा रंग में रंग गया है. वहीं, चौधरी साहब की तीसरी पीढ़ी का झुकाव भी भाजपा की तरफ नजर आया. वहीं, कुछ लोग चुटीले अंदाज में यह भी कह रहे थे कि अखिलेश आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे बनवाकर सैफई से सीधे लखनऊ जा रहे हैं. इसलिए अब सपा का यहां पड़ाव नहीं हैं.
शताब्दी समारोह में भाजपा के रंग में रंगा पंडाल, मंच पर नजर आए भाजपा नेता
चौधरी साहब के शताब्दी समारोह के तैयार मंच भगवा रंग में रंगा नजर आया. पीले व भगवा गेंदें के अलावा मनोकामना की पत्तियों से मंच को सजाया गया. वहीं मंच पर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, भाजपा प्रदेशध्यक्ष स्वतंत्रत देव सिंह ने शिरकत की. इसक सांसद देवेंद्र सिंह भोले, महापौर प्रमिला पांडे, जिलाध्यक्ष सुनील बंसल और सपा सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव और उनके बेटे मोहित यादव मौजूद रहे. इसके यादव महासभा के तमाम पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
अखिलेश से नाराजगी साफ नजर आई
चौधरी साहब की शताब्दी समारोह में अपने संबोधन के दौरान हरमोहन सिंह के बेटे सुखराम सिंह ने कहा कि वह बेटे व मुलायम के बीच असमंजस में फंसे हैं. उन्होंने अखिलेश का नाम लिए बिना नाराजगी जताते हुए कहा कि जब तक मुलायम है तब तक मैं सपा में रहूंगा. पुराना किस्सा याद करते हुए कहा एक तत्कालीन मुख्यमंत्री ने स्टेडियम का नाम पिताजी के नाम पर रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन आज तक वह स्टेडियम नहीं बना. उन्होंने कानपुर देहात में बन रहे कालेज का नाम रखनए की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में बहुत बदलाव आ चुका है. जिनमें कूट-कूट कर अहंकार भरा है. उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगा. उनका परिवार धार्मिक है पाखंडी नहीं. इसके अलावा वह यह भी बोले कि मोहित के लिए सपा में जगह नहीं बना पाउंगा. वह अब बालिग है और कहीं भी जाने को स्वतंत्र है.
डिप्टी सीएम ने मोहित को बताया पार्टी का वरिष्ठ नेता, बोले दिल के हैं बहुत करीब
वहीं, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने चौधरी हरमोहन सिंह अमर रहें के उद्घोष के साथ अपना संबोधन शुरु किया. उन्होंने मोहित को पार्टी का वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा कि चौधरी परिवार में हमेशा से बुजुर्गों का सम्मान होता रहा है. लेकिन यादव परिवार में कई लोग ऐसे भी हैं कुछ लोग ऐसे भी है जो पूर्वजों का सम्मान नहीं करते है जिसके परिणाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने मोहित के भाजपा में शामिल होने के जवाब में कहा कि वह तो हमारे दिल में है और जो दिल में होता है उसकी ज्वानिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि हफ्ते भर के भीतर लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें पार्टी में शामिल कराया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि लोहिया के समाजवाद के सपनों को आज केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार साकार करने में जुटी हुई है. उनके संबोधन के दौरान मोहित उनके पीछे ही खड़े नजर आए.
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चौधरी साहब का परिवार अब योगी का परिवार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रत देव सिंह ने चौधरी साहब के परिवार को अब योगी का परिवार बताया. उन्होंने यह संदेश भी दिया कि अब तक जो वोटर सपा की ताकत था वह अब भाजपा के साथ है. उन्होंने मोहित को संस्कारी बताते हुए यह भी कहा कि जिस परिवार में अहंकारी बेटा पैदा हो जाता है वह बिल्डिंग को खंडहर बना देता है.
सपा के किले में भाजपा की बड़ी सेंधमारी
मनीष हत्याकांड के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार की मदद करके व कानपुर से ही अपनी विजय रथ यात्रा शुरू करके आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जो जमीन सपा के लिए तैयार की थी उसमें भाजपा नेताओं ने चौधरी साहब की स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होकर सपा बड़ी सेंधमारी की है. दरअसल, कानपुर में 45 फीसद पिछड़ा वोट बैंक है. इन वोटो पर चौधरी साहब के परिवार का होल्ड है. वहीं, गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए मनीष भी इसी इलाके में रहते थे. लेकिन पीड़ित परिवार से मुलाकात करते समय भी अखिलेश के सात चौधरी साहब के परिवार से कोई नहीं था. इसके अलावा अपनी विजयरथ यात्रा के दौरान भी अखिलेश ने कहा था कि नेता जी ने भी अपनी यात्रा यहीं से शुरू की थी. लेकिन वह यह भूल गए थे कि उनकी यात्रा में हरमोहन सिंह हमेशा उनकए साथ रहते थे. जिसके चलते भी चौधरी साहब के परिवार में नाराजगी है. यह नाराजगी समाजवादी पार्टी को कितनी भारी पड़ती है और भाजपा के लिएयह नजदीकियां कितनी कारगर साबित होंगी यह आने वालए विस चुनाव के नतीजे बताएंगे.