न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर गंगा कटरी के शंकरपुर सराय, लुधवाखेड़ा व लक्ष्मीखेड़ा में करीब 792.2 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जाने के मामले में स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच शुरू कर दी है। भूमाफियाओं ने पुलिस के शूटिंग रेंज की 12 बीघा जमीन पर भी कब्जा कर लिया था। लेकिन पुलिस ने कब्जा खाली कराया। इसके बाद जब जांच आगे बढ़ी तो जमीनों के कब्जाने के बडे़ मामले का खुलासा हुआ था।



एसडीएम सदर से की पूछताछ
एसआईटी ने कानपुर पहुंचकर एसडीएम सदर से जमीनों से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे और मामले में गहनता से पूछताछ की। टीम अपने साथ जरूरी कागजात भी ले गई है। मामले से जुड़े भूमाफियाओं की जानकारी थाने से भी मांगी है। एसआईटी को 1 महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस प्रकार है पूरा मामला
गंगा बैराज के पास कटरी शंकरपुर सराय, लोधवा खेड़ा, कटरी लक्ष्मीखेड़ा गांव में ग्राम समाज की भूमि और किसानों की भूमि पर कुछ बिल्डरों और भूमाफिया ने कब्जा कर अवैध प्लाटिंग की और उसे 17 से 18 हजार रुपये वर्ग मीटर की दर से लोगों को बेच डाला।
भाजपा विधायक भगवती सागर की भूमि पर भी कब्जा कर लिया गया था। विधायक ने कई बार की शिकायत की, पर जिला प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की थी। माफिया ने पुलिस विभाग को शूटिंग रेंज के लिए आवंटित भूमि पर भी प्लाटिंग कर बेच दी थी।
नपेंगे कई अधिकारी
मामले की शिकायत जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक हुई तो एसआईटी जांच के आदेश हुए थे। सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामले में उस वक्त तैनात रहे तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, कानूनगो भी जांच के दायरे में है। एसआईटी ने उस दौरान तैनात अधिकारियों की रिपोर्ट भी तैयार कर रही है।
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इस प्रकार हुआ पूरा खेल
बता दें कि कब्जाई गई जमीन की चौहद्दी निर्धारित नहीं है। सिर्फ कब्जे के आधार पर ही भूमि की खरीद फरोख्त होती रही। कागजों में ही चौहद्दी निर्धारित है। बावजूद इसके लेखपाल, कानूनगो और नायब तहसीलदार की रिपोर्ट पर यहां भूमि के दाखिल-खारिज होते रहे। इस गड़बड़ी की जानकारी तो तहसीलदार को भी रही है, लेकिन किसी ने भी अब तक वहां पैमाइश कराकर चौहद्दी निर्धारण की कोशिश नहीं की।