सीएसई की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई ,गाजियाबाद  सबसे प्रदूषित शहर

गाजियाबाद की जनता प्रदूषण और ट्रैफिक से वैसे ही बेहाल थी, कि एक ओर रिपोर्ट ने उनका तनाव बढ़ा दिया है. दरअसल, बुरी खबर यह है कि गाजियाबाद उत्तर भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है.

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर : गाजियाबाद के लिए बुरी खबर है. यह जिला उत्तर भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने साल 2021 के लिए PM2.5 के आधार पर प्रदूषण का अध्ययन किया तो गाजियाबाद की यह रिपोर्ट सामने आई. इस अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बाई-पास सड़क का अधूरा निर्माण और ट्रैफिक प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है. बाइपास रोड के 20 प्रतिशत हिस्से का निर्माण नहीं होने से स्थानीय निवासियों को राजनगर एक्सटेंशन और मेरठ रोड के बीच भारी जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि यहां यातायात की गति भी धीमी है. इस वजह से भी इस क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है. स्थानीय आरडब्ल्यूए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है, लेकिन सड़क के इस छोटे से हिस्से को पूरा करने की प्रगति बहुत धीमी है. जीडीए ने पहले ही इस भूमि का अधिग्रहण कर लिया था. उसने बाई-पास सड़क का 80% निर्माण भी कर लिया है. एडीएम (एलए) भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत, धारा 11 (1) के तहत खंड 3 के अनुसार भूमि अधिग्रहण पर काम कर रहा है, लेकिन बहुत धीमी गति से. इसी के चलते यहा लोगों को ट्रैफिक और वायु प्रदूषण से समस्या हो रही है

लोगों ने बताई असल समस्या
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी ने से कहा कि pm 2.5 के कर्ण इतने छोटे होते हैं कि यह दिखते नहीं हैं. लेकिन, सांस के साथ घुल कर यह बहुत नुकसान देते हैं. आस पास  के सोसायटी के लोगों ने कहा कि यहां सबसे बड़ी समस्या है प्रदूषण, ट्रैफिक और यहां का कूड़ा है. जो काम पूरा नहीं हुआ उसकी मिट्टी भी यहां मिलेगी. इस वजह से लोगों को बड़ी समस्या हो रही है. लोगों ने कहा हम लोग कई बार जीडीए के पास जा चुके हैं. जब तक यह 20 फीसदी निर्माण नहीं होता, तब तक ऐसे ही समस्या रहेगी. जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाए.

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