


न्यूज जंगल डेस्क। कानपुर। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिसंबर में भारत दौरे पर आ सकते हैं। इस दौरे पर अगले दशक के लिए मिलिट्री-टेक्निकल सहयोग सहित डिफेंस, इकॉनमी, ट्रेड, साइंस एंड टेक्नोलॉजी को लेकर कई समझौते होने संभव हैं। इकॉनोमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस सम्मेलन में पुतिन के भाग लेने के प्रबल आसार हैं क्योंकि 2020 में कोरोना महामारी के कारण इस सम्मेलन को स्थगित करना पड़ा था।
हाल ही में मॉस्को में भारत के राजदूत पद से रिटायर हुए डीबी वेंकटेश शर्मा ने रूसी न्यूज एजेंसी TASS को बताया है कि भारत और रूस सम्मेलन को लेकर सक्रियता से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि हम डिफेंस, इकॉनमी, ट्रेड, साइंस एंड टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में कई समझौतों की उम्मीद कर रहे हैं। हम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि अगले दशक 2021-2031 के लिए सैन्य-तकनीकी सहयोग की घोषणा की जाएगी।
शर्मा ने आगे बताया है कि हम S-400 जैसे महत्वपूर्ण एयर डिफेंस सिस्टम डील को लेकर पहले से ही काम रहे हैं। हम मेड इन इंडिया प्रोग्राम के तहत 7 लाख AK-203 राइफल्स बनाने को लेकर काम कर रहे हैं। हम अतिरिक्त Su 30-MKI, Mig 29s और 400 और T-90 टैंक्स खरीदने जा रहे हैं।
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हाल के दिनों में पीएम मोदी और पुतिन ने अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत सहित कई मसलों पर बातचीत की है। अफगानिस्तान को लेकर रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोले पेत्रुशेव और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मिले हैं। भारत और रूस ने अफगानिस्तान शासन को औपचारिक रूप से मान्यता देने से इनकार किया है। बता दें कि पिछले महीने भारत ने अफगानिस्तान मसले को लेकर मॉस्को फॉर्मेट बैठक में भाग लिया था और तालिबान प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की थी।