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‘लोग बुरी तरह जल गए थे, तड़प रहे थे’, ग्राउंड जीरो से कुन्नूर हादसे की कहानी चश्मदीद की जुबानी

कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 लोगों की मृत्यु हो गई. जहाँ एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था

न्यूज़ जंगल डेस्क, कानपुर : तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एक हेलिकॉप्टर हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैन्य अफसरों की मृत्यु हो गई. वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. जहाँ सीडीएस को ले जा रहा एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था. 

नीलगिरी की ये पहाड़ियां समुद्र तल से 1050 मीटर की ऊंचाई पर हैं. एमआई-17वी-5 हेलिकॉप्टर का मलबा अब भी घटनास्थल पर पड़ा हुआ है और उस मलबे के साथ आसपास के जले हुए पेड़ बताते हैं कि हादसा कितना भयानक था. 

ये आसपास का पहाड़ी इलाका है. वीडियो में पहाड़ियों पर धुंध नजर आई और विमानों के आने-जाने के लिए एक छोटा पैसेज है. इसी से बुधवार को हेलिकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज जा रहा था लेकिन 16 किलोमीटर पहले ही वह क्रैश हो गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक काफी ऊंचाई से ही इस हेलिकॉप्टर में आग लग गई थी और गिरने के बाद कई पेड़ भी जल गए. हादसे के 24 घंटे बाद भी इलाके में जलने की गंध महसूस की जा सकती है. 

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इलाके में कहीं नहीं है सेफ लैंडिंग की जगह

अगर पायलट ने सेफ लैंडिंग की कोशिश भी की होगी, तो उसे कोई जगह नहीं मिली होगी. क्योंकि इस इलाके की टाइपोग्राफी ही ऐसी है, जहां दूर-दूर तक कोई मैदानी इलाका नहीं है. क्रैश साइट चाय के बागानों के बीच है. 

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