न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। महिलाओं ने मंगलवार को खरना के बाद 36 घंटे निर्जला व्रत को शुरू किया था। बुधवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को महिलाएं घाटों पर कमर तक पानी में खड़े होकर अर्घ्य देंगी। घर लौटने के बाद गुरुवार को ब्रह्मबेला महिलाएं फिर घाटों पर जाएंगी और उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी।



रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए घाट
अखिल भारतीय भोजपुरी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष गहमरी ने बताया कि शहर के 16 स्थानों पर नहर और कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं। वहीं छठ घाटों पर मंगलवार शाम तक तैयारियों का पूरा कर लिया गया। रंग-बिरंगी रोशनी से घाटों को सजाया गया। वहीं छठी मैया से जुड़े गीत भी बजते रहे। वहीं घाटों पर वेदी बनाने का काम भी पूरा हो गया है। वहीं कई लोगों ने घरों पर टब और टंकी में पानी भरकर अर्घ्य देने की व्यवस्था की है।
क्यों दिया जाता है अर्घ्य
आचार्य मुनीम शास्त्री ने बताया कि भगवान सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। सूर्य से ही धरती पर सभी प्राणियों की उत्पत्ति व पालन होता है। उन्हीं में ही विलय हो जाता है। सूर्य की उपासना से व्यक्ति के मानसिक व शारीरिक पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए श्रद्धापूर्वक सूर्य नमस्कार, सूर्य अर्घ्यदान, स्त्रोत पाठ व संध्या वंदना करने से भगवान सूर्य का आशीर्वाद सहज ही प्राप्त होता है। स्कंदपुराण के अनुसार प्रतिहार का अर्थ जादू या चमत्कारिक रूप से फलों को प्रदान करने वाला यह व्रत है।
2 घाटों पर नहीं होगा छठ का आयोजन
बाढ़ एवं कटान के कारण कोहना थाना क्षेत्र के 5 में से दो स्थानों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किया गया जाएगा। गंगा बैराज गेट नंबर 1 के पास चौकी गंगा बैराज, रानी घाट/तिवारी घाट पर गंगा का जल स्तर ज्यादा होने एवं कटान जैसी स्थिति होने के कारण छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
दोनों स्थानों पर बैनर लगा दिया जाएगा और 1-1 एसआई और दो-दो आरक्षी एवं होमगार्ड ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। अटल घाट पर बैरिकेडिंग तथा रस्सा लगाया गया है।
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इन घाटों पर होगा आयोजन
सिद्धनाथ घाट, नौबस्ता नहर, साकेत नगर, मैग्जीन घाट, सचान गेस्ट हाउस के पास, सीटीआई नहर, पनकी नहर, अर्मापुर नहर, दबौली वेस्ट नहर, बर्रा-8 नहर, बर्रा विश्व बैंक, रतनपुर कॉलोनी, गुजैनी नहर, नमक फैक्ट्री ग्रीन बेल्ट, शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क छोटा और बड़ा।