न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर इस समय पूरे कानपुर का प्रदूषण बढ़ गया है। वहीं कानपुर में ही विजय नगर चिल्ड्रेन पार्क में मियावाकी पद्धति से तैयार किया गया जंगल प्रदूषण सोखकर लोगों को शुद्ध हवा दे रहा है। गुरुवार को भी कानपुर की तुलना में विजय नगर चौराहे पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)- 22 रहा, जिसका स्तर शुद्ध माना गया है।



10 लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं
नगर निगम उद्यान अधीक्षक डॉ. वीके सिंह के मुताबिक, शहर के बीच नेचुरल ऑक्सीजन प्लांट तैयार किए गए हैं। जापानी पद्धति मियावाकी से जंगल तैयार करने में 28 प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। इसमें ऑक्सीजन ज्यादा पैदा करने वाले और कार्बन डाई ऑक्साइड समेत अन्य हानिकारक गैसों को सोखने वाले पौधे ज्यादा लगाए गए हैं।
शहर का तीसरा सबसे बड़ा चौराहा
बड़ा चौराहा और घंटाघर चौराहा के बाद विजय नगर चौराहा पूरे कानपुर का तीसरा सबसे बड़ा चौराहा है। यहां रोजाना 10 लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके यहां शुद्ध हवा बनी है। यहां करीब 1.30 लाख पौधे रोपे गए हैं। पूरे शहर में पॉल्यूशन को कम करने के लिए पानी का छिड़काव आदि किया जा रहा है। वहीं विजय नगर चौराहे की हवा शुद्ध होने से यहां कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
5 गुना से अधिक पॉल्यूशन
यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPCPCB) के आंकड़ों पर गौर करें तो शहर में 5 गुना से ज्यादा प्रदूषण है। आईआईटी, किदवई नगर, नेहरू नगर, कल्याणपुर में पॉल्यूशन बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
एक हेक्टेअर में लगाए जाते हैं 30 हजार पौधे
जापानी वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. मियावाकी ने पौधे लगाने की इस पद्धति को विकसित किया है। आमतौर पर एक हेक्टेयर में 1100 पौधे लगाए जाते हैं। वहीं, मियावाकी पद्धति में एक हेक्टेअर में लगभग 30 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं।
मियावाकी जंगल की खासियतें
- इस पद्धति से तैयार जंगल सामान्य के मुकाबले 30 गुना ज्यादा घना होता
- 10 गुना तेजी से इस पद्धति द्वारा पौधे तैयार होते हैं।
- 20 से 30 साल में ही जंगल तैयार हो जाता है।
- 3 से 5 पौधे इसमें प्रति वर्ग मीटर पर लगाए जाते हैं।
- पॉल्यूशन सोखने के लिए मोटी पत्ती वाले पौधे ज्यादा लगाए गए हैं।
ये पौधे लगाए गए हैं
पारस, पीपल, जामुन, मौलश्री, अर्जुन, पिलखन, शीशम, गोल्डमोहर, कैजुरिनाए, सुखचैन, गूलर, अशोक, फाइकस, टिकोमा, चंपा, बॉटल ब्रश, जैट्रोफा, बांस, कनेर, आडू, नासपाती, शहतूत, मेहंदी तुलसी आदि।
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चौराहा | AQI |
यशोदा नगर | 125 |
स्टील प्लांट तिराहा | 254 |
ग्रीन पार्क चौराहा | 101 |
मूलगंज चौराहा | 111 |
सनिगवां रोड | 197 |
भैरवघाट चौराहा | 135 |
पीएसी मोड़ चौराहा | 169 |
मेघदूत तिराहा | 139 |
शास्त्री चौक चौराहा | 221 |
बारादेवी चौराहा | 184 |
पनकी पावर हाउस | 122 |
जाजमऊ ब्रिज | 144 |
घंटाघर चौराहा | 239 |
रावतपुर तिराहा | 134 |
इन जगहों पर प्रदूषण बढ़ा
- आईआईटी कानपुर : 302
- नेहरू नगर : 275
- किदवई नगर : 239
- एनएसआई कल्याणपुर : 236.
एयर क्वालिटी इंडेक्स का मानक
AQI | मानक |
0-50 | अच्छा |
51-100 | संतोषजनक |
101-200 | थोड़ा प्रदूषित |
201-300 | खराब |
301-400 | बहुत खराब |
401- 500 | खतरनाक |