


न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर : सपा मुखिया अखिलेश यादव की विजय यात्रा जाजमऊ से शुरू होकर चार जिलों में घूमते हुए कानपुर देहात में समाप्त होगी। दो दिन में यात्रा करीब 190 किलोेमीटर की दूरी तय करेगी। राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय लाठर ने माल रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों को बताया कि यह यात्रा चुनावी अभियान का आगाज है। बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए अखिलेश यादव 2012 की तरह एक बार फिर रथ पर सवार होकर सूबे का दौरा करेंगे।
विजय यात्रा के जरिये गंगा-जमुनी तहजीब को सामने लाया जाएगा। यात्रा कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन और हमीरपुर में रहेगी। उन्होंने बताया कि पहली सभा घाटमपुर में नयवेली लिग्नाइट के पास होगी। यह योजना अखिलेश सरकार की है।
दूसरे दिन समापन सभा कानपुर देहात में अमूल्य दूध प्लांट के पास होगी। यह योजना भी अखिलेश सरकार के समय की है। इसके साथ ही उन्होंने पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस मूल्य वृद्धि समेत कई समस्याओं पर चर्चा की। सपा महानगर अध्यक्ष डॉ. इमरान ने बताया कि मंगलवार सुबह 11 बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष का गंगा पुल पर स्वागत होगा।
इसके बाद एलीवेटेड रोड से नौबस्ता जाएंगे। यहां भी स्वागत किया जाएगा। पूरे रूट में स्वागत कार्यक्रम रखे गए हैं। यात्रा के शहर के अंदर न आने के सवाल पर बताया कि इससे जाम लगता। बाद में चुनावी सभाएं होंगी। दूसरी तरफ सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने रूट का जायजा लिया।
कानपुर किनारे गंगा घाट पर गंगा दर्शन करने के बाद चुनावी रथ पर चढ़ेंगे. यात्रा से एक दिन पहले पार्टी ने 17 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया था जिसमें अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव से बात करते और आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर छूते नजर आ रहे हैं
साल 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता गंवाने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) लगभग पांच साल के लंबे अंतराल के बाद विजय रथ यात्रा के जरिए इसी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ जनसमर्थन हासिल करने का प्रयास करेगी.
समाजवादी पार्टी अपने खोए हुए सियासी जनाधार को उत्तर प्रदेश में चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में वापस लाने की कवायद शुरू करने जा रही है. बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए अखिलेश यादव 2012 की तरह एक बार फिर रथ पर सवार होकर सूबे का दौरा करेंगे. अखिलेश 12 अक्टूबर यानी आज ‘विजय रथ यात्रा’ के जरिए एक बार फिर से सत्ता में वापसी की कवायद करेंगे. उधर अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भी वृंदावन में श्रीकृष्ण के दर्शन करने के बाद चुनावी रथ पर सवार होंगे.