


न्यूज़ जंगल डेस्क,कानपुर : कोरोना महामारी में अमीर और अमीर बना, गरीब और गरीब हो गया। मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण लोगों के लिए यही बना है। मानसिक रूप से कमजोर लोगों पर कोरोना का अधिक असर पड़ा। हालात ये हैं कि कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में उन लोगों को सबसे अधिक परेशानी हुई जिनका मानसिक स्वास्थ्य कमजोर था। आनलाइन क्लास की वजह से बच्चे भी गलत लोगों के संपर्क में आए। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ ही बच्चों की आनलाइन क्लास पर भी पूरा ध्यान देना जरूरी है।
कोरोना महामारी में वर्क फार्म होम करने वाले युवाओं का पूरा शेड्यूल बदलने से मानसिक तनाव बढ़ा है। सिविल लाइन के रहने वाले 24 वर्षीय युवक आइटी सेक्टर में काम करने की वजह से रात-रातभर जागने की वजह से पूरा शेड्यूल बिगड़ गया है। सामाजिक दूरी होने की वजह से मानसिक तनाव हो रहा है। अकेलापन महसूस करने के साथ ही चिड़चिड़ापन आ रहा है।
आनलाइन क्लास की वजह से इंटरनेट मीडिया पर बच्चों को आजादी मिलने से उन्होंने अपनी उम्र से डबल उम्र के लोगों से दोस्ती की। मानसरोवर कालोनी की 17 वर्षीय छात्रा की कोरोना काल में आनलाइन क्लास के चक्कर में 40 साल की उम्र के व्यक्ति से दोस्ती हो गई। एक दिन पिता ने उसे रात में चैटिंग करते हुए पकड़ लिया। काउंसिलिंग के दौरान उसने चौंकाने वाली बातें बताईं।
राब न पीएं, परिवार के सदस्यों के साथ रहें, नियमित दिनचर्या का शेड्यूल बनाएं, पौष्टिक आहार लें, पानी का सेवन करते रहें, सामाजिक दूरी न बनाएं।
मानसिक रोग के लिए सरकारी व्यवस्था में इंतजाम नहीं है। मानसिक रोग विशेषज्ञ जिला मुख्यालय के साथ ही सीएचसी-पीएचसी पर भी नहीं हैं। कोरोना का असर मानसिक रोगियों पर अधिक पड़ा है। लोगाें को जागरूक होने की जरूरत है।
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