सूरत में कम से कम 5 लाख हीरा श्रमिक रहते हैं । यहां के लोग दुनिया के 90 प्रतिशत तक कटे और पॉलिश किए गए हीरों की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार हैं । रूस का अलरोसा सूरत को बड़ी मात्रा में कच्चे हीरे की आपूर्ति करता है । और पश्चिमी प्रतिबंधों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉलिश किए गए हीरों की मांग में कमी आई है । और जिससे सूरत के हीरा बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है ।
News jungal desk : भारत के डायमंड सिटी सूरत में एक अफवाह ने सड़कों पर भारी भीड़ इकट्ठा कर दी है । और एक हीरा व्यापारी द्वारा हीरे फेंके जाने की चर्चा अचानक शहर में फैल गई है । जिसके बाद काफी लोग सड़क पर रुक कर हीरा खोजने लगे है । यह मामला सूरत के हीरा व्यापार के लिए प्रसिद्ध मिनी बाजार वराछा का है । और वीडियो में लोग सड़कों पर हीरा खोजते हुए दिखाई दे रहे हैं ।
वीडियो में दावा किया गया कि, आर्थिक मंदी के कारण हीरा व्यापारियों को सड़कों पर अपने हीरे फेंकने पड़े है । कुछ लोगों को धूल भरी सड़क से छोटे-छोटे रत्न उठाते और उसकी जांच करते हुए देखा गया था ।
हालांकि, बाद में यह पता चला कि सड़कों पर पाए गए रत्न, वास्तव में अमेरिकी हीरे थे । और जिनका उपयोग आमतौर पर नकली आभूषणों और साड़ियों में किया जाता है । और घटनास्थल पर मौजूद एक शख्स ने अहमदाबाद मिरर को बताया कि उसे जो हीरा मिला, वह नकली निकला और बूम के मुताबिक, वराछा पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर अल्पेश गबानी ने स्थिति की पुष्टि करते हुए कहा, “किसी ने अमेरिकी हीरों का एक पैकेट सड़क पर गिरा दिया है । जिसके बाद करोड़ों के असली हीरे गिरने की अफवाह फैलने लगी और लोग उसकी तलाश में जुट गए. गबानी ने यह भी पुष्टि की कि इस घटना का हीरा बाजार के सामने आने वाली चुनौतियों से कोई संबंध नहीं है। सूरत में कम से कम 5 लाख हीरा श्रमिक रहते हैं, यहां के लोग दुनिया के 90 प्रतिशत तक कटे और पॉलिश किए गए हीरों की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार हैं. रूस का अलरोसा सूरत को बड़ी मात्रा में कच्चे हीरे की आपूर्ति करता है, लेकिन पश्चिमी प्रतिबंधों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉलिश किए गए हीरों की मांग में कमी आई है, जिससे सूरत के हीरा बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है ।
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