


न्यूज जंगल डेस्क। कानपुर। अगर आपको जंगल की सैर पसंद है तो आज से टाइगर के भी दीदार करने जा सकते हैं। दरअसल, दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) का पर्यटन सत्र 15 नवंबर से शुरू हो जाएगा। इसी के साथ दोनों स्थानों के द्वार पर्यटकों के लिए खुल जाएंगे। इन जंगलों में आकर आप प्रकृति की खूबसूरती में खो जाएंगे। यहां बाघ, बारहसिंगा, हिरनों की कई अन्य प्रजातियां, भालू, हाथी, रंग-बिरंगी देशी-विदेशी चिड़ियों के साथ ही कई दुर्लभ वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे। दोनों स्थानों के लिए ऑनलाइन बुकिंग www.upecotourism.in से कर सकते हैं।
दिल्ली से आने वाले सैलानी बरेली, पीलीभीत, मैलानी होते हुए पलिया और यहां से दुधवा जा सकते हैं। दिल्ली से पलिया तक रोडवेज और निजी बसें चलती हैं। इसके अलावा अपने वाहन से भी आ सकते हैं। वहीं लखनऊ से सीतापुर, लखीमपुर, पलिया होते हुए दुधवा तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा लखनऊ से बड़ी रेल लाइन की ट्रेन से लखीमपुर आकर फिर सड़क यातायात से दुधवा पहुंचा जा सकता है।
पीटीआर भी सड़क मार्ग से जुड़ा है। यहां नई दिल्ली से मुरादाबाद, बरेली, पीलीभीत होते हुए रिजर्व पहुंच सकते हैं। वहीं लखनऊ से आने वाले सैलानी सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली से पीलीभीत होते हुए रिजर्व पहुंच सकते हैं। रोडवेज और प्राइवेट बसें उपलब्ध हैं। इसके अलवा दिल्ली से बरेली तक हवाई मार्ग से भी आ सकते हैं। यहां से बस या टैक्सी कर रिजर्व तक पहुंच सकते हैं।
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पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 65 से ज्यादा बाघ हैं। यहां बाघ सबसे आकर्षण का केंद्र हैं। इनके अलावा तेंदुए और हिरणों की संख्या भी यहां अच्छी है। इसके साथ ही चूका बीच, जंगल सफारी, बाईफरकेशन, साइफन नहर, सप्त सरोवर, सनराइज प्वाइंट, सनसेट पॉइंट, पाइथन पॉइंट, क्रोकोडाइल पॉइंट आदि विशेष आकर्षण हैं। पीटीआर की सीमा पर शारदा सागर बांध 22 किमी लंबाई तक फैला है।
दुधवा टाइगर रिजर्व में सैलानी बाघों के साथ ही पांच तरह के हिरन देख सकते हैं। यहां बाघों की संख्या 107 बताई जाती है। इसके साथ ही यहां 450 प्रकार के पक्षी हैं और तितिलियों की विभिन्न प्रजातियां दिखती हैं। इनके अलावा इस जंगल में विशेष तरह के पौधे, फूल, मगरमच्छ और सांपों के भी दीदार होते हैं।