
भीड़ में खड़ा होना पड़ सकता है महंगा
जब आप घर से बाहर निकलें तो सिर्फ अपना बटुआ और पैसे ही नहीं, बल्कि कुछ कॉमन सेंस भी साथ लेकर चलें, हो सकता है (Debit Card Fraud) कि आप मेट्रो, बस या किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर खड़े हों और किसी स्कैमर की नज़र आपके कार्ड पर पड़ जाए – और वो आपके पैसे नहीं बल्कि आपका डेटा चुरा ले।
एनएफसी तकनीक बनी स्कैमर्स का नया हथियार
आजकल ज़्यादातर डेबिट और क्रेडिट कार्ड में एनएफसी (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) यानी ‘टैप एंड पे’ तकनीक होती है। यह सुविधा आसान है, लेकिन स्कैमर्स इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। उनके पास एक छोटी सी डिवाइस होती है, जिसे आरएफआईडी स्किमर कहते हैं। (Debit Card Fraud) यह डिवाइस कार्ड के पास आते ही उसकी जानकारी पढ़ लेती है – वो भी आपके कार्ड को छुए बिना। मतलब अगर कार्ड आपके बैग या जेब में है और कोई स्कैमर पास से गुज़रता है, तो डेटा चुराने के लिए बस हल्का सा टच ही काफी है।
डेटा चोरी और नुकसान कैसे होता है?
एक बार जब स्कैमर आपके कार्ड का डेटा चुरा लेता है, तो वह इसका इस्तेमाल क्लोन कार्ड बनाने के लिए कर सकता है। फिर उस क्लोन कार्ड का इस्तेमाल करके आपके खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं, जबकि असली कार्ड अभी भी आपके पास है। जरा सोचिए कि यह कितना खतरनाक हो सकता है।
इस डिजिटल चोरी से कैसे बचें?
डरें नहीं, इससे बचने के तरीके हैं:
- RFID ब्लॉकिंग वॉलेट का इस्तेमाल करें
आजकल, बाजार में ऐसे वॉलेट उपलब्ध हैं जो खास मटेरियल से बने होते हैं (Debit Card Fraud)और RFID सिग्नल को ब्लॉक करते हैं। इससे स्कैमर आपके कार्ड की जानकारी नहीं पढ़ पाएंगे।
- घर का बना देसी जुगाड़ – एल्युमिनियम फॉयल
अगर आप नया वॉलेट नहीं खरीदना चाहते हैं, तो एक सस्ता और आसान तरीका है – एल्युमिनियम फॉयल। अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को फॉयल में लपेटकर वॉलेट में रखें। इससे भी RFID स्कैनिंग को काफी हद तक रोका जा सकता है।
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समझदारी सबसे बड़ा हथियार है
अगली बार जब आप घर से बाहर निकलें, तो सिर्फ़ अपना बटुआ और पैसे ही नहीं, बल्कि थोड़ी समझदारी भी साथ लेकर चलें। भीड़ में कोई आपकी जेब से पैसे नहीं, बल्कि आपके कार्ड का डेटा चुरा सकता है – और आपको पता भी नहीं चलेगा।