न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर कानपुर आउटर के घाटमपुर कोतवाली से लाखों के जेवरात, नगदी और नशीला पदार्थ गायब होने की बात सामने आई है। बुधवार को सुनवाई के दौरान पता चलने पर कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। IG रेंज को कार्रवाई का आदेश दिया है। बता दें कि 2003 में पुलिस ने 9 आरोपियों को पकड़कर सारा माल बरामद किया था। जिसकी कानपुर देहात के माती कोर्ट में सुनवाई चल रही है।



कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा
एडीजीसी धनंजय पांडेय के मुताबिक 2003 में घाटमपुर कोतवाली के तत्कालीन दरोगा तेजपाल ने 9 लोगों को नशीला पदार्थ, जेवरात व नगदी के साथ गिरफ्तार किया था। दरोगा ने मुकदमे में आरोप लगाया था कि सभी ट्रेनों में लूटपाट करने वाले गिरोह से ताल्लुक रखते हैं। इनके पास से सवा किलो चांदी, 15 ग्राम सोने के जेवर, 100-100 रुपए के 45 नोट व 66 ग्राम डायजापाम बरामद हुआ था। यह सभी आरोपी फर्रुखाबाद के मेरापुर थाने के बहनापुर गांव के निवासी हैं। कानपुर देहात माती कोर्ट के एडीजे सप्तम कोर्ट में सुनवाई के दौरान घाटमपुर थाने के पैरोकार ने बताया कि मुकदमे से संबंधित माल थाने के मालखाने में उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा और कार्रवाई के आदेश दिए। IG रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि अभी तक उनके पास कोर्ट से ऐसा कोई आदेश मिला नहीं है। अगर ऐसा है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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घाटमपुर इंस्पेक्टर पर हो सकती कार्रवाई
मामले में घाटमपुर कोतवाली पुलिस ने मुन्नालाल के नाम से कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। बरामद माल कोतवाली के मालखाने में जमा कराया गया था। अब सरकार बनाम मुन्नालाल के मुकदमे की सुनवाई कानपुर देहात के अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम के कोर्ट में चल रही है। इसमें पुलिस को माल पेश करने का आदेश दिया गया। एडीजीसी के मुताबिक साक्ष्य पर सुनवाई के दौरान थाने के पैरोकार ने सूचना दी कि मुकदमे से माल कोतवाली में नहीं है। इस पर कोर्ट ने 20 अक्टूबर को IG कानपुर को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि तत्कालीन मालखाना इंचार्ज व घाटमपुर इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए। ताकि इस वाद का जल्द निस्तारण किया जा सके।