न्यूज जंगल डेस्क: कानपुर कानपुर में 16 महीने पहले हुए लैब टेक्नीशियन संजीत यादव मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में CBI जुटी है। CBI ने उस पांडु नदी का पानी रोक कर सबूत तलाशने का फैसला लिया है, जिसमें उसे मारकर फेंका गया था। CBI ने इसके लिए नहर विभाग से बात की है। इतने लंबे वक्त बाद शव मिलना तो मुश्किल है लेकिन संजीत का बैग, मोबाइल और अन्य साक्ष्य मिलने की उम्मीद CBI को है। पिछले साल 22 जून को बर्थडे पार्टी के बहाने बुलाकर संजीत की दोस्तों ने हत्या कर दी थी। पहले उसे किडनैपर कर बंधक बनाकर रखा। फिर शव बोरी में भर कर पांडु नदी में बहा दिया। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेजा था। लेकिन, संजीत की लाश आज तक नहीं मिली।



प्रदेश का पहला मामला होगा जब नहर का पानी रोका जाएगा
आरोपियों का कहना है कि फत्तेपुर लोहे वाले पुल से बोरे में भरकर संजीत का शव पांडु नदी में फेंक दिया था। पीएसी और पुलिस ने नाव से करीब 40 किम. तक कांबिंग की थी, लेकिन शव बरामद नहीं हो सका था।
अब CBI की टीम पांडु नदी का पानी पूरी तरह से रोक कर नदी की करीब 45 किमी तक जांच करेगी। जांच टीम नर कंकाल, घड़ी, बैग या अन्य कोई साक्ष्य की तलाश में है। अगर सीबीआई ने ऐसा किया तो प्रदेश का यह पहला मामला होगा, जिसमें हत्याकांड के साक्ष्य तलाशने के लिए नहर का पानी रोका जा रहा है। राजस्थान के एक मर्डर केस में पुलिस ने जांच के दौरान इसी तरह नहर से साक्ष्य बरामद किया था।
नहर में फेंका भी था या नहीं इसकी भी जांच होगी
पुलिस ने कई दिन पांडु नदी की खाक छानी थी। फतेहपुर की सीमा तक पुलिस और पीएसी के गोताखोरों ने शव को तलाशा था। सीबीआई अब आरोपियों से एक बार फिर इस बात की पुष्टि करेगी कि शव नहर में फेंका भी था या नहीं। जो इतनी मशक्कत के बाद भी शव बरामद नहीं हो सका था।
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ये था पूरा मामला
बर्रा पांच में रहने वाले लैब टेक्नीशियन का किडनैप उसके ही दोस्तों ने बीती 22 जून 2020 को किया था। किडनैपर ने 4 दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी। 26 जून को देर रात शव को बोरे में भरकर पांडु नदी में फेंक दिया था।
किडनैपर ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत 5 किडनैपर को गिरफ्तार किया था। किडनैपर ने पुलिस को बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था। संजीत हत्याकांड का साजिशकर्ता ज्ञानेंद्र यादव था।