न्यूज जगंल डेस्क: कानपुर स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला किया है कि कानपुर शहर में जितने भी पॉजिटिव मरीज मिले है अब उन्हें 15 दिन के आइसोलेशन में रहना पड़ेगा। यह फैसला स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार देर शाम लिया। अफसरों के मुताबिक संक्रमित लोगों को अगर इतने दिनों तक घर या अस्पताल में अलग रहेगा तो संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सकता है। जीका की चपेट में आए मरीजों में एक पखवारे के बाद के बाद ही नेगेटिव रिपोर्ट आ रही है।



कोरोना की तरह ही आइसोलेट रहेंगे पॉजिटिव
शहर में मिले 118 जीका पॉजिटिव कोरोना की तरह ही नेगेटिव रिपोर्ट आने तक कम से कम 14 दिनों के लिए अस्पतालों में आइसोलेट रहेंगे। प्रयोग के तौर पर सबसे पहले मिले जीका के पॉजिटिव एयरफोर्स कर्मी के तीन बार सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजे लेकिन सभी पॉजिटिव आए। लेकिन, जब उसके सैंपल 14 दिन के बाद लिए गए तो वह नेगेटिव पाए गए। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ रेखा सिंह ने बताया, जीका पॉजिटिव को इसलिए आइसोलेट करना जरूरी है। क्योंकि जब वह मरीज घर पर रहेगा तब उसके इधर-उधर जाने की संभावना ज्यादा है। जिसकी वजह से एडीज मच्छर उन्हें काटेगा तो वह किसी और को भी संक्रमण दे सकता है।
मरीज को अस्पतालों में किया जायेगा शिफ्ट
अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. जीके मिश्रा ने बताया कि, मरीजों को आइसोलेट करने के लिए कांशीराम, हैलट और 7 एयरफोर्स हॉस्पिटल में बने स्पेशल जीका वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा। इस समय तीन पॉजिटिव अस्पतालों में एडमिट है। बाकी 115 पॉजिटिव को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही जहां यह मरीज पॉजिटिव पाए गए है उनके घरों के 400 से 500 मीटर तक सभी घरों के लोगों की जांच कराई जाएगी।
जीका नहीं है खतरनाक
सीएमओ डॉ नेपाल सिंह ने एक बार फिर से कहा कि जीका वायरस सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए ही घातक न की सबके लिए। इससे घबराने की जरूरत नहीं है इससे लड़ने की ज़रूरत है। सीएमओ ने अपील करते हुए कहा की इससे डरने की जरूरत नहीं है।
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जीका की जांच अब शहर में
CM के आने से पहले शहर में जीका की जांच भी शुरू होने जा रही है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग केजीएमयू के डॉक्टरों की टीम के साथ शहर में ही इसकी जांच करेगा। यह सब मुख्यमंत्री के आने से ठीक पहले किया जा रहा है।