Rama Ekadashi 2025: धनतेरस से पहले साल की शुभ एकादशी

Rama Ekadashi 2025 Puja Muhurat, Tithi और महत्व

रमा एकादशी 2025 इस वर्ष 17 अक्टूबर को पड़ रही है, जो धनतेरस से ठीक पहले आती है। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। हिंदू धर्म में इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है क्योंकि इस दिन किए गए व्रत और पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है और भक्तों को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

Rama Ekadashi 2025 Tithi और Timing

रमा एकादशी का तिथि और मुहूर्त पंचांग के अनुसार इस प्रकार है:

एकादशी तिथि प्रारंभ: 17 अक्टूबर 2025 को सुबह

एकादशी तिथि समाप्त: 18 अक्टूबर 2025 की सुबह तक

उपवास और पूजा का श्रेष्ठ समय (मुहूर्त): सुबह 6:00 बजे से 10:30 बजे तक

पारण समय: 18 अक्टूबर 2025 को सुबह 6:00 बजे से पहले


रमा एकादशी का महत्व

रमा एकादशी का व्रत मुख्य रूप से भगवान विष्णु की भक्ति और आत्मशुद्धि के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने और पूजा करने से:

1. सभी पापों का नाश होता है।


2. धन और समृद्धि का मार्ग खुलता है।


3. सुख-शांति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।


4. मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान मिलता है।



पूजा विधि

रमा एकादशी के दिन पूजा का विशेष महत्व है। इसे इस प्रकार किया जा सकता है:

1. स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म और शुद्ध स्नान करें।


2. पूजा स्थान सजाना: घर में पूजा स्थान को साफ करके लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।


3. भगवान विष्णु की स्थापना: भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें और दीपक जलाएं।


4. पूजा सामग्री: फूल, फल, अक्षत (चावल), धूप, दीपक और तुलसी के पत्ते रखें।


5. व्रत कथा और भजन: रमा एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें और भगवान विष्णु के भजन करें।


6. पारण: एकादशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत का पारण करें।



उपवास का महत्व

रमा एकादशी का उपवास केवल भौतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक लाभ के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे व्यक्ति का मन शांत होता है, इच्छाएं नियंत्रित होती हैं और अध्यात्मिक उन्नति में मदद मिलती है।

इस प्रकार, रमा एकादशी 2025 अपने धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व के कारण सभी भक्तों के लिए विशेष अवसर है। इस दिन व्रत और पूजा करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन भी होता है।

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